थाईलैंड सरकार वैक्सीन पीड़ितों को मुआवजा देती है भारत सरकार इस बारे में योजना क्यों नाही बनाती ?
[वैक्सीन मुआवजा] थाईलैंड के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा कार्यालय (NHSO) ने 14,000 से अधिक लोगों को वित्तीय मुआवजे में 1.7 बिलियन बहत से अधिक प्रदान किया है, जिंको कोविड -19 टीकाकरण से प्रतिकूल स्वास्थ्य विकार हुए है ।
Link:https://www.bangkokpost.com/thailand/general/2292514/b1-7bn-for-adverse-jab-effects
हाल ही में एक मामले में, टीके के दुष्प्रभाव के कारण सिंगापुर सरकार ने 1 करोड़ 78 लाख रुपये का मुआवजा दिया जब पीड़ित को वैक्सीन के कारण दिल की धड़कन तेज हो गयी । 16 वर्षीय किशोर को फाइजर वैक्सीन से दिल का दौरा पड़ने के बाद $225,000 का मुआवजा दिया गया ।
Link: https://greatgameindia.com/pfizer-heart-attack-compensation/
अमेरिका में एक अन्य मामले में, एफडीए के आपराधिक जांच कार्यालय, सीआईए ने फार्मा कंपनि ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन से दवाओं के साइड इफेक्ट को दबाने और अमेरिकियों के जीवन को खतरे में डालने सहित विभिन्न अपराधों के लिए लगभग 10.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 7,783 करोड़ रुपये) की वसूली की। कंपनी द्वारा कुछ नुस्खे वाली दवाओं का गैरकानूनी प्रचार, कुछ सुरक्षा डेटा की रिपोर्ट करने में विफलता, और कथित झूठी कीमत कि रिपोर्टिंग प्रथाओं के लिए जो यह कंपनी का नागरिक दायित्व था, यह कारण थे ।
अवेकन इंडिया मूवमेंट (AIM) ने 05.04.2022 तक भारत में मीडिया/सोशल मीडिया द्वारा कवर किए गए कोविड वैक्सीन से होने वाली मौतों के बारे में हमारे देश के विभिन्न उच्च अधिकारियों को भेज दिया है।
भारत में वैक्सीन से होने वाली मौतों को मीडिया ने कवर किया! पीड़ित #14886 तक अपडेट की गई फाइल
https://drive.google.com/file/d/1uikc1a6_KDzUx7HNLrfwaI1NJRt0D_YP/view?usp=sharing
भारत में बच्चों के टीके से होने वाली मौतों को मीडिया ने कवर किया! पीड़ित #22 . तक फ़ाइल अपडेट की गई
अवेकेन इंडिया मूवमेंट (एआईएम) के अधिकारियों के साथ वैक्सीन पीड़ितों के डेटा को नियमित रूप से साझा करने के बावजूद, भारत सरकार उन नागरिकों को मुआवजा देने के लिए एक वैक्सीन पीड़ित निधि के साथ क्यों नहीं आई, उन्हे भरपाई क्यों नही दि जिन्होंने टीकों के दुष्प्रभाव का सामना किया है और उन परिवारों को मुआवजा क्यों नही दिया है जिंके निकट के रिश्तेदार टीकों के कारण मृत्यु के मुह में ढकेल दिये गये ?
राष्ट्रीय एईएफआई(AEFI) समितिने एआईएम(AIM) द्वारा एकत्र किए गए सभी आंकड़ों की स्वत: से जांच क्यों नहीं की है ?
यहां तक कि इंडियन बार एसोसिएशन ने भी बॉम्बे हाईकोर्ट में वैक्सीन के साइड इफेक्ट से मरने वाले वैक्सीन पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे के लिए दो याचिकाएं दायर की हैं।
- आपराधिक रिट याचिका St. 18017 of 2021 श्रीमती किरण यादव बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य, याचिकाकर्ता के इकलौते बेटे, श्री हितेश कडवे, उम्र 23, टीके के दुष्प्रभाव के कारण मर गए, जो अनिच्छा होने के बाद भी अधिकारियों द्वारा रखी गई शर्त के कारण उनको टिका लेना पड़ा। महाराष्ट्र राज्य कि शर्त थी की केवल टीकाकरण वाले लोग ही लोकल ट्रेन से यात्रा कर सकते हैं या मॉल में प्रवेश कर सकते हैं और यह भी निर्देश दिया जाता है कि सभी निजी प्रतिष्ठानों के कार्यालय कर्मचारियों को टीका लगाया जाए।
- बॉम्बे हाई कोर्ट में एक मेडिकल छात्र डॉ स्नेहल लूनावत के पिता द्वारा दायर एक याचिका में 1,000 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनकी बेटी की मौत कोविड -19 वैक्सीन के साइड इफेक्ट के कारण हुई।
टीके के दुष्प्रभावों के कारण कई मौतें हुई हैं। साथ ही यह झूठे आख्यानों को भी खारिज करता है कि टीके 110% सुरक्षित हैं।

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